काले हीरे की दलाली से लाल हो रहे सफेदपोश !
पुलिस अधिकारी औऱ माइनिंग अधिकारियों के सरंक्षण में चल रहा
कोयला में मिलावट का अनोखा खेल

बिलासपुर 20 नवंबर 2021

रायपुर रोड स्थित कोल डिपो में कोयले में मिलावट का चल रहा अनोखा खेल पुलिस अधिकारी और माइनिंग अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा गोरखधंधा बिलासपुर से रायपुर हाइवे रोड पर लगभग 35 किलोमीटर की परिधि में सरगांव के आगे हाईवे पर कई कोल डिपो स्थित है जिसमें एक कोल डिपो द्वारा रात के अंधेरे में कोयले में काली जीरो गिट्टी का मिश्रण कर विक्रय किया जा रहा है जोकि एक कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है तथा गवर्नमेंट और उद्योगपतियों को भारी नुकसान हो रहा है मजे की बात यह है कि इस इस सारे गोरखधंधे में पुलिस अधिकारियों और माइनिंग अधिकारियों की पूर्ण रजामंदी से इस बड़े ऑर्गेनाइजर को अंजाम दिया जा रहा है ज्ञात हो कि पूर्व में भी इस तरह के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है लेकिन कार्यवाही के नाम पर खाली पन्नों में की गई कार्यवाही दिखती है जोकि बहुत ही नॉमिनल सजा के रूप में अथवा हर्जाने के रूप में देकर थाने से ही आरोपी को चलता कर दिया जाता है कई महीनों से इस धंधे में लिप्त लोगों को रोजाना एक मोटी रकम आवक के रूप में मिल रही है जिससे उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं ना पुलिस का डर और ना ही माइनिंग का डर वे निडर होकर यह गोरखधंधा बदस्तूर चलाए जा रहे हैं शासन प्रशासन की नजर के सामने ही इस सारे खेल को अंजाम दिया जा रहा है तथा अधिकारी मूक चुपी साधे हुए है इससे तो यह जाहिर होता है कि यह सब मिलीभगत का ही खेल है क्या प्रशासन को इस तरह के अवैधानिक कृत्य पर लगाम लगाने की आवश्यकता नहीं है या फिर ऊपरी कमाई से आने वाली रकम कि इनको लत पड़ गई है इसलिए वे सब जानते हुए भी इस तरह के गोरखधंधे पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं सोचिए यह काम बिलासपुर रायपुर नेशनल हाईवे रोड पर धड़ल्ले से चल रहा है जोकि शासन प्रशासन की कार्यशैली पर कई प्रश्न खड़े कर रहा है पर साहब यहां तो कोई बोलने वाला नहीं सूत्रों की माने तो यहां पर यह मिलावट कई टनों में 400 से 500 टन की मिलावट रोज की जा रही है अब यदि इस गोरखधंधे मैं आवक का आकलन किया जाए तो वर्तमान में 1 टन कोयला ₹5000 में आता है और यदि 400 टन रोज उसमें काली जीरो गिट्टी मिक्स कर दी जाए तो लाखो रुपए रोज की काली कमाई है प्रतिदिन अब इतनी बड़ी रकम यदि किसी व्यक्ति को घर बैठे मिल जाती है तो वह भला इस धंधे को चलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर क्यों नहीं लगाएगा सारे थानों में उसके द्वारा सर्व सुविधाएं प्रधान की जाती हैं ताकि वहां से गुजरने वाली पेट्रोलिंग गाड़ियां व पुलिस अधिकारी तथा माइनिंग अधिकारियों की आंखों पर काले चश्मे की पट्टी बँधी रहे ताकि वे कोई कार्यवाही ना करें अब इसमें लिप्त मजदूर जो मालिक के चेहरे पर यह मिलावट का खेल करते हैं वह भी इतने भरोसेमंद होते हैं उनके कि वह अपना मुंह नहीं खोलते परंतु हमारे विश्वसनीय सूत्रों से हमें जो जानकारी मिल रही है वह बेहद ही खतरनाक है इस तरह का मिलावट का खेल कई महीनों से जारी है और इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है अब देखने वाली बात यह है कि इस तरह से गोरख धंधे पर आखिर लगाम सरकार लगा पाती है या की नही ये तो आने वाला वक्त ही बता सकता है पर हमारी मुहीम इस काले गोरख धंधे पर निरंतर चलती रहेगी और इस मिलावट के खेल पर तब तक हम लिखते रहेंगे जब तक इस गोरख धंधे का पर्दाफाश नही हो जाएगा ये हमारा पार्ट 1 है यदि शीघ्र ही इस पर कार्यवाही नही की जाती है तो हम पुनः इस विषय पर अपनी बेबाकी का परिचय देते रहेंगे आए हम अगले एपिसोड में इस पूरे खेल से जुड़े सफेद पोशों के भी नाम उजागर करेंगे

क्रमशः…

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