बिलासपुर सिविल लाइन के सिंघम थानेदार एक और नया कारनामा

पार्ट-04

बिलासपुर:-

माननीय सर्वोच्च न्यायालय और हाई कोर्ट का महिला संबंधी अपराधों में स्पष्ट निर्देश है कि पीड़िता का नाम या उससे संबंधित कोई भी पहचान को सार्वजनिक नही किया जाना है, फिर भी बिलासपुर सिविल लाइन का सिंघम कहे जाने वाले थाना प्रभारी परिवेश तिवारी के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय और माननीय उच्च न्यायालय के उक्त आदेश को दरकिनार करते हुए जानबूझकर पीड़िता के द्वारा दिये गए शिकायत आवेदन का फोटो खींच कर सोशल मीडिया के समाचार ग्रुप में डाल कर अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही का परिचय देते हुए माननीय न्यायालयों की आदेश का अवेहलना भी किया है, हम आपको बता दें, की कुछ दिन पहले बिलासपुर मंगला चौक स्थित वंदना हॉस्पिटल के डॉक्टर को छेड़ छाड़ की धारा 354 और SC ,ST एक्ट के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है, जिसके पीड़िता के द्वारा अपराध पंजीबद्ध के लिए दिए गए आवेदन को सोशल मीडिया के समाचार ग्रुप में डाल दिया गया है, जिससे पीड़िता का नाम पता और पहचान सार्वजनिक हो गया जिससे पीड़िता की बदनामी हो रही है और निरीक्षक की ये हरकत न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है अब देखना यह है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस के आला अफसर क्या कार्यवाही उक्त थानेदार पर करते हैं या फिर हर बार की तर भी इस गंभीर मामले को नजर अंदाज कर देंगे। ताकि कोई सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जा सके।

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