⭕गांजा पकड़ने में शामिल जीआरपीएफ टीम के चार आरक्षक निकले तस्कर…..
⭕क्राइम ब्रांच के रडार में कई खाकी वर्दीधारी…
⭕अब डाला जा रहा पर्दा….
बिलासपुर
जीआरपीएफ के दर्जनों आरक्षक और स्टारधारी अधिकारियों का नाम गांजा तस्करी में सामने आ रहा है। क्राईम ब्रांच के छानबीन में जीआरपीएफ के जवानों का नाम गांजा तस्करी में आने के बाद जिला पुलिस सकते में है। साथ ही विभाग में हलचल मच गया है। साइबर पुलिस के अनुसार जांच पड़ताल के दौरान गांजा तस्करों ने जीआरपीएफ के चार आरक्षकों का नाम लिया है।
पुलिस सूत्र के अनुसार गांजा तस्करी में पुलिस के बड़े अधिकारियों का नाम सामने आ रहा है। क्राइम ब्रांच की छानबीन में पुलिस विभाग कर्मचारियों कानाम सामने आने के बाद सनसनी फैल गयी है। बहरहाल पुलिस ने अधिकारिक रूप से किसी का नाम नहीं बताया है। और ना ही गांजा तस्करी के दौरान की कार्रवाई के बारे में ही जिक्र किया है। बावजूद इसके सूत्रों की माने तो बिलासपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षकों की मिलीभगत से गांजा तस्कर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि तस्करों से गांजा जब्त करने के बाद पुलिस महकमे के कुछ लोग नशे का कारोबार करने वालों के पास गांजा सप्लाई करते हैं।
⭕गांजा तस्करी रोकने बनी टीम
जानकारी देते चलें कि ट्रेनों में गांजा तस्करी रोकने के लिए क्राइम ब्रांच की तर्ज पर रेलवे सुरक्षा बल ने GRP में एंटी क्राइम टीम का गठन किया है। टीम में बिलासपुर GRP के चार आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति भी शामिल हैं। इसके अलावा इंद्रजीत बघेल और राजा दुबे भी टीम का सदस्य है।
गांजा तस्करों से मिली भगत की जानकारी के बाद सिस्टम ने राजा दुबे और प्रधान आरक्षक इंद्रजीत बघेल का ट्रांसफर कर दिया। इस दौरान आईजी को जानकारी मिली कि बड़े अफसरों के संरक्षण में जीआरपी के एंटी क्राइम टीम के आरक्षक गांजा की अफरातफरी कर रहे हैं।
⭕एसीसीयू टीम के नोडल अधिकारी को जानकारी नहीं
सूत्र ने बताया कि एसीसीयू टीम के नोडल को मामले की जानकारी नहीं है। रेंज साइबर थाना और एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट के नोडल अधिकारी अनुज कुमार ने संपर्क करने पर किसी भी कार्रवाई या जानकारी होने से इंकार कर दिया। उन्होने इस बात से भी अनभिज्ञता जाहिर किया कि टीम के आरक्षकों से सिविल लाइन में पूछताछ चल रही है।