Video: भाजपा जिलाध्यक्ष की हनक तो देखिए….

चेकिंग के लिए गाड़ी रोकी गयी तो सब इंस्पेक्टर को वर्दी उतरवाने की दे दी धमकी

मथुरा

भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा 

 

उत्‍तर प्रदेश के मथुरा जिले में भाजपा की जिलाध्‍यक्ष मधु शर्मा का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वह एक पुलिसवाले को खुलेआम धमकाती दिख रही हैं. वह चौकी इंचार्ज को वर्दी उरवाने तक की धमकी दे रही हैं. वीडियो में उनके पति को भी तैश में आते हुए देखा जा सकता है. वहीं, पुलिसवाले पास में ही खड़े दिख रहे हैं. बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में इस वक्‍त चुनावी माहौल चरम पर है और राज्‍य में आचार संहिता भी लागू है. इसके बावजूद नेताओं के सिर पर सत्‍ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है.

दरअसल, मथुरा में पुलिसवाले चेकिंग अभियान चला रहे थे. उसी वक्‍त बीजेपी की मथुरा जिलाध्‍यक्ष मधु शर्मा वहां पहुंच गईं और किसी बात को लेकर आगबबूला हो गईं. वह इस कदर नाराज हुईं कि उन्‍होंने चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मी को वर्दी उतरवाने की धमकी तक दे डाली. यह मामला जिला अध्यक्ष तक ही नहीं रुका. वीडियो में उनके पति भी दारोगा को खरी-खोटी सुनाते नजर आ रहे हैं.

चेकिंग के लिए गाड़ी रोकने से हुईं नाराज
जानकारी के अनुसार, भाजपा की मथुरा जिले की अध्यक्षा मधु शर्मा पति के साथ अपनी गाड़ी से कहीं जा रही थीं. वृन्दावन के सौ शैय्या हॉस्पिटल चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों ने मधु शर्मा की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोक लिया. बस इसी बात से तमतमा कर मधु शर्मा पुलिसकर्मियों पर बरस पड़ीं. मधु शर्मा के साथ-साथ उनके पति ने भी जमकर पुलिसकर्मियों को ऐसा पाठ पढ़ाया, जिसकी इजाजत पुलिसकर्मियों के वरिष्ठ अधिकारीयों को भी नहीं है.

…तो वर्दी उतरवा दूंगी
वीडियो में आप खुद सुन सकते है कि मधु शर्मा वर्दीधारी से बोल रही है कि यदि एक जुबान भी अब आगे बोला तो वर्दी उतरवा दूंगी. बीजेपी की जिला अध्यक्ष का क्रोध इतने पर भी शांत नहीं हुआ और उन्होंने कहा की चौकी इंचार्ज हो चौकी इंचार्ज की तरह रहो. मैं जब तक चुप रहती हूं तब तक ही चुप रहती हूं.

पति ने भी पुलिसवालों को सुनाई खरी-खोटी
इसके बाद कमान संभाली जिलाध्यक्ष के साथ मौजूद उनके पति ने. आस्‍तीन चढ़ाते हुए नेताजी के पति ने चौकी इंचार्ज को लिमिट में रहने की नसीहत दे डाली. आम जनता की सेवा में लगे इन पुलिसकर्मियों के साथ ड्यूटी के दौरान हुई इस शर्मनाक घटना के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष मधु शर्मा फोन नहीं उठा रही हैं. वहीं, पुलिस विभाग के अधिकारी भी सत्ताधारी पार्टी कि जिलाध्यक्षा का मामला होने की वजह से कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं.

 

 

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