जरा इन पर लगाम लगाएं साहेब…!

जो आपदा में खोजते है फायदा!

कोचिंग सेंटरों में भीड़ उमड़ रही है!

 

 

लाकडाउन की आशंका मात्र से ही हर चीज के दुगने हो जाते है दाम!

 

बिलासपुर 12 जनवरी 2022

एक तरफ
प्रदेश में ओमिक्रोन की दहशत के चलते लोगों में दहशत का माहौल है वहीं दूसरी ओर इन जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों को जैसे सुनहरा अवसर मिल जाता है और इस आपदा की घड़ी में ये लोग फायदा खोजने में कहीं भी कोर- कसर नहीं छोड़ते यहां तक खाने पीने की चीजों मैं भी बढ़ते दामों की वजह से पूरी जनता में विचलित सी हो रही है और हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है।


अब यहाँ सोचने वाली बात यह है कि क्या ये रेहड़ी गोमची और मोहल्ले गली में छोटे-मोटे दुकानदार अपने हिसाब से रेट तय करते इन चीजों का या फिर इन्हीं को बढ़त दामों में समान मिलने के बाद यह उस पर इजाफा करते हुए अपना फायदा जोड़ते हुए उसका रेट बढ़ा देते हैं यह एक बहुत बड़ा कालाबाजारी का गोरखधंधा सिर्फ और सिर्फ कोरोना काल में ही नजर आता है जिस पर सरकार और स्थानीय प्रशासन लगाम लगाने में पूरी तरह असफल है क्योंकि इनके तार इतने लंबे जुड़े होते हैं की शुरू से पूरे अंत तक इन लोग अपने आधिकारिक समुदाय को अपने प्रभाव से प्रभावित करते रहते हैं ताकि इन पर किसी प्रकार की विपदा नहीं आए और यह लोग बदस्तूर आपदा में फायदा उठाने का अपना धर्म निभाते हुए पूरी मानव जाति के साथ अन्याय करते रहते
एक बात और जो कि सहज ही गले नहीं उतरती की क्या स्थानीय प्रशासन इन सारी चीजों से अनिभिज्ञ है या फिर दृष्टिबन्धित है?
बढ़ते मामले एवं लाकडाउन की आशंका से बेचैन हो रही नगर की जनता
और इस बीच
आसपास के क्षेत्रों में जमाखोरी और कालाबाजारी फिर से शुरू हो गई है, क्षेत्र में जमकर लूट मची हुई है। खाद्य पदार्थो की जमाखोरी की जा रही है। किराना दुकानों में गुड़ाखू एवं जर्दायुक्त गुटखों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है,
के बावजूद वर्तमान में गुड़ाखू दुकानों में नही मिल रहा है, जहां मिल रहा है वहां उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप दर पर बेचा जा रहा है। जर्दायुक्त गुटखा जिसकी कीमत 5 रुपये होती है उसे दुकानदारों द्वारा 20 रुपये का 3 गुटखा दिया जा रहा है। खाद्य विभाग के नियमों के विपरीत खाद्य पदार्थों का विक्रय किया जा रहा है। आम लोगों की जेब पर जमाखोरी का बेवजह बोझ डाला जा रहा है। ऐसे दुकानदार पर खाद्य विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना विभाग की निष्क्रियता को भी दर्शाता है।
आने वाले समय के मद्देनजर सम्भवतः यदि लाकडाउन लगता है तो दुकानदारों की मनमानी पूर्व की भांति चरम पर पहुंच जाएगी। जमाखोरी कर कालाबाजारी करके मुनाफा कमाने वाले दुकानदारों पर खाद्य विभाग द्वारा नकेल नहीं कसने से इनके हौसले बुलंद होंगे जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा
एक तरफ सरकार शासकीय स्कूल कॉलेजों को बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई कर सिर्फ कोविड के प्रोटोकाल की महज खाना- पूर्ति का खेल खेल रही है वही प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बल्ले-बल्ले हो रही है परीक्षाओं के उत्कृष्ट परिणामो के लिए निजी कोचिंग सेंटरों में कई सब्ज़बाग दिखाते हुए छात्रों–छात्राओ की भीड़ उमड़ रही है जो कि ऐसी परसीतिथियो में गम्भीर हालात बनाने के अहम जिम्म्मेदार साबित हो सकते है ।
वही
लाकडाउन की आशंका के चलते व्यापारियों द्वारा गुटखा, गुड़ाखू जैसे नशीले पदार्थों को निर्धारित मूल्य से अधिक में बेचा जा रहा है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि गुटखा, गुड़ाखू या अन्य सामाग्री नहीं मिल रहा है। पहले की तुलना में अब हम अधिक मूल्य में सामान खरीद कर ला रहे हैं, इसलिए सामान अधिक मूल्य में बेच रहे हैं। लोगों से पता चला है कि अन्य खाद्य सामग्री जैसे तेल, शक्कर, मैदा के मूल्यों में भी 40 से 50 रुपये बढ़ोत्तरी कर दी गई है।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामले के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही गुडाखू, तंबाखू, पान मसालों में रोक लगने की भी संभावना को देखते हुए क्षेत्र में इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। विगत वर्ष अचानक प्रशासन ने इसके विक्रय और उपयोग पर रोक लगा दी थी, जिसके साथ ही इनकी कीमतों में भारी उछाल आ गया था नगर के बड़े-बड़े दुकानदारों ने अभी से भारी मात्रा में स्टाक जमा कर लिया है। साथ ही इसके दामों में भी भारी उछाल आ गया है।
अब जब कि न तो लॉक डाउन लगा है और ना ही ऐसी किसी संभावना की प्रशासनिक घोषणा की गई है इसके बावजूद इस तरह जानता को पूरी तरह लूटने का जो सिलसिला जारी है इस पर सरकार को लगाम लगाने की बेहद जरूरी प्रक्रिया पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
बहराल हम आपसे यही अपील करते है आप सभी कोरोना काल मे दिए गए निर्देशों का पालन करे और सतर्क रहें सावधान रहें हम फिर शासन प्रशासन को आमजन के हित मे सदैव जगाते रहेंगे।

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